Ambedkar Jayanti 202214 अप्रैल को मनाई जाती है अंबेडकर जयंती।, भारतीय संविधान के पिता कहे जाते हैं डॉ भीमराव अंबेडकर।
1956 में कह दिया था दुनिया को अलविदा।, बाबा साहेब देश के एक ऐसे शख्स थे जिनकी तुलना किसी और से नहीं की जा सकती। उन्होंने भारत के संविधान निर्माण में एक पिता की भूमिका निभाई।
डॉ भीमराव अंबेडकर ने हमेशा शोषितों, वंचितों और महिलाओं के लिए कार्य किया है।, हमेशा शोषितों के लिए लड़ते रहे और जातिवाद को चुनौती देते रहे।
भारतीय संविधान के पिता कहे जाने वाले डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू में हुआ था। उन्हें दलितों का नेता, समाज सुधारक और संविधान के निर्माता के रूप में भी जाना जाता है।
बाबा साहेब के बचपन का नाम भीम सकपाल था। उनके पिता रामजी मोलाजी एक प्रधानाध्यापक थे। डॉ भीमराव अंबेडकर ने हमेशा शोषितों, वंचितों और महिलाओं के लिए कार्य किया है।
बाबा साहेब मानते थे कि एक देश तब तक विकास नहीं कर सकता जब तक वहां की औरतें विकसित ना हो जाएं। डॉ भीमराव अंबेडकर ने हमेशा शोषितों, वंचितों और महिलाओं के लिए कार्य किया है।
1947 में अंबेडकर भारत सरकार में कानून मंत्री बने और भारत के संविधान निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 1951 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने दलितों के साथ हो रहे शोषण के कारण 1956 में अपने 20,000 अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया। 1956 में ही देश ने अपने सपूत डॉ भीमराव अंबेडकर को खो दिया। Ambedkar Jayanti 2022